द्वादश ज्योतिर्लिंग
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- सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम् । उज्जयिन्यां महाकालमोड्कारममलेश्वरम् ॥१॥
- परल्यां वैद्यनाथं च डाकिन्यां भीमशड्करम् । सेतुबन्धे तु रामेशं नागेशं दारुकावने ॥२॥
- वाराणस्यां तु विश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमीतटे । हिमालये तु केदारं घुश्मेशं च शिवालये ॥३॥
- एतानि ज्योतिर्लिड्गानि सायंप्रातः पठेन्नरः । सप्तजन्मकृतं पापं स्मरणेन विनश्यति ॥४॥

