अंतर्राष्ट्रीय ध्वन्यात्मक लिपि
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अंतर्राष्ट्रीय ध्वन्यात्मक लिपि (en:International Phonetic Alphabet / IPA) एक ऐसी लिपि है , जिसमें कि विश्व की सारी भाषाओं की ध्वनियाँ लिखी जा सकती हैं । इसके हर अक्षर और उसकी ध्वनि का एक से एक सम्बन्ध होता है । इसके ज़्यादातर चिन्ह रोमन लिपि से लिये गये हैं, पर कई यूनानी लिपि के और कई मौजूदा चिन्हों का बदलाव कर के इसमें जोड़े गये हैं । इस प्रणाली के ध्वन्यात्मक प्रतिलेखन में सूक्ष्म प्रतिलेखन [ ] में और स्थूल प्रतिलेखन / / के अन्दर लिखे जाते हैं । इसकी नियामक अन्तर्राष्ट्रीय ध्वन्यात्मक संघ (en:International Phonetic Association) है । ये प्रणाली किसी भी भाषा को ध्वनि के लिहाज़ से लिखने के लिये सबसे वैज्ञानिक ढंग है (इसके बाद देवनागरी का नम्बर आता है) ।
- उदाहरण : (अंग्रेज़ी) This is a webpage of wikipedia. I am writing it.
- IPA लिप्यान्तरण : /'δis iz ə 'wɛbpeidʒ ɔf wiki'piːdiə . 'ai əm 'raitiŋ it./
[बदलें] स्वर
स्वरों को कई तरह से वर्गीकृत किया जा सकता है :
- जिह्वा की ऊँचाई की दृष्टि से :
- विवृत (खुला हुआ, यानि कि जीभ नीचे गिरी हुई है) / Open
- अर्धविवृत / half-open
- बीच का
- अर्धसंवृत / half-closed
- संवृत (अत्यन्त संकीर्ण, यानि कि जीभ मुँह की छत तक उठी हुई है) / closed
 
- जिह्वा का कौन हिस्सा उठा हुआ है :
- अग्रस्वर / front vowel
- मध्यस्वर / mid vowel
- पश्वस्वर / back vowel
 
- होंठों की स्थिति से :
- प्रसृत (खुले होंठ) / unrounded
- वर्तुल (गोलाकार होंठ) / rounded
- अर्ध-वर्तुल / semi-rounded
 
- मात्रा की दृष्टि से :
- ह्रस्व / short
- दीर्घ / long
- प्लुत / very long
 
नीचे दी गयी तालिका में सभी भाषाओं के स्वरों का वैज्ञानिक वर्गीकरण और उनके IPA वर्णाक्षर दिये गये हैं :
| अग्रस्वर | लगभग अग्रस्वर | मध्यस्वर | लगभग पश्वस्वर | पश्वस्वर | ||||||
|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
| प्रसृत | वर्तुल | प्रसृत | वर्तुल | प्रसृत | वर्तुल | प्रसृत | वर्तुल | प्रसृत | वर्तुल | |
| संवृत | i | y | ɨ | ʉ | ɯ | u | ||||
| लगभग संवृत | ɪ | ʏ | ʊ | |||||||
| अर्धसंवृत | e | ø | ɘ | ɵ | ɤ | o | ||||
| बीच का | Schwa: ə | |||||||||
| अर्धविवृत | ɛ | œ | ɜ | ɞ | ʌ | ɔ | ||||
| लगभग विवृत | æ | ɐ | ||||||||
| विवृत | a | ɶ | ɑ | ɒ | ||||||
जिस स्वर पर बलाघात लगता है, उसके शब्दांश के पहले एक << ' >> का निशान लगा दिया जाता है । जिस स्वर में नासिकीकरण होता है, उसके ऊपर टिल्ड << ~ >> का निशान लगा दिया जाता है । दीर्घ स्वरों के बाद ː
का निशान लगाया जाता है ।
[बदलें] व्यंजन
इस तालिका में सभी भाषाओं के व्यंजन गिये गये हैं, उनके IPA वर्णाक्षरों के साथ ।
| ओष्ठ्य (Bilabial) | दन्त्यौष्ठ्य (Labio-dental) | दन्त्य (Dental) | वर्त्स्य (Alveolar) | पश्वर्त्स्य (Post-alveolar) | मूर्धन्य (Retroflex) | तालव्य (Palatal) | कण्ठ्य (Velar) | अलिजिह्वीय (Uvular) | उपालिजिह्वीय (Pharyngeal) | कण्ठच्छदीय (Epiglottal) | काकलीय (Glottal) | |
|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
| स्पर्श (Plosive) | p b | t d | ʈ ɖ | c ɟ | k g | q G | ʡ || ʔ | |||||
| नासिक्य (Nasal) | m | ɱ | n | ɳ | ɲ | ŋ | ɴ | |||||
| लुण्ठित (Trill) | B | r | ʀ | |||||||||
| उत्क्षिप्त (Tap/Flap) | ɾ | ɽ | ||||||||||
| संघर्षी (Fricative) | ɸ β | f v | θ ð | s z | ʃ ʒ | ʂ ʐ | ç ʝ | x ɣ | χ ʁ | ħ ʕ | ʜ ʢ | h ɦ | 
| पार्श्विक संघर्षी (Lateral fricative) | ɬ ɮ | |||||||||||
| अन्तस्थ (Approximant) | ʋ | ɹ | ɻ | j | ɰ | |||||||
| पार्श्विक अन्तस्थ (Lateral approximant) | l | ɭ | ʎ | ʟ | ||||||||
इस पेज में ध्वन्यात्मक चिन्ह दिये गये हैं जो कुछ ब्राउसर पर शायद ठीक से न दिखें । (सहायता)
जहाँ भी चिन्ह जोड़ी में गिये गये हैं, वहाँ दाहिने का चिन्ह en:voiced consonant / घोष व्यंजन के लिये है और बाएँ का अघोष के लिये। शेडेड क्षेत्र उन ध्वनियों के लिये हैं जो असम्भव मानी जाती हैं ।
ध्यान दें कि महाप्राण ध्वनियों, जैसे ख, घ, फ, ध, आदि के लिये उसके अल्पप्राण चिन्ह के बाद superscript में h का निशान लगाया जाता है , जैसे :
- ख / kʰ
/
- भ / bʰ
/
दन्त्य व्यंजन वर्त्स्य व्यंजनों से अलग दिखाने के लिये ऐसे लिखे जा सकते हैं :
- त / t̪
/
- द / d̪
/
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