भगवद्गीता
From विकिपीडिया
| हिन्दू धर्म के विषय में एक श्रेणी | |
|  | |
| इतिहास · Deities | |
| Denominations · Proverbs | |
| विश्वास और दर्शनशास्त्र | |
|---|---|
| पुनर्जन्म · मोक्ष | |
| कर्म · पुजा · माया | |
| Samsara · धर्म | |
| वेदांत · | |
| Yoga · Ayurveda | |
| Yuga · Vegetarianism | |
| भक्ति | |
| पवित्र लेख | |
| उपनिषद् · वेद | |
| Brahmana · भगवद्गीता | |
| रामायण · महाभारत | |
| Purana · Aranyaka | |
| Shikshapatri · Vachanamrut | |
| सम्बन्धी विषय | |
| धर्मीय धर्म · | |
| विश्व में हिन्दू धर्म | |
| Leaders · Devasthana | |
| Caste system · Mantra | |
| Glossary · Hindu festivals | |
| Vigraha | |
| पोर्टल: हिन्दू धर्म | |
भगवद्गीता हिन्दू धर्म की पवित्रतम किताबों में से एक है । श्री कृष्ण ने गीता का सन्देश पाण्डव राजकुमार अर्जुन को सुनाया था । ये एक स्मृति ग्रन्थ है । इसमें एकेश्वरवाद की बहुत सुन्दर ढंग से चर्चा हुई है।
श्रीमद्भगवद्गीता की पृष्ठभूमि महाभारत का युद्घ है। जिस प्रकार एक सामान्य मनुष्य अपने जीवन की समस्याओं में उलझकर किंकर्तव्यविमूढ़ हो जाता है और उसके पश्चात् जीवन के समरांगण से पलायन करने का मन बना लेता है। उसी प्रकार अर्जुन जो कि महाभारत का महानायक है अपने सामने आने वाली समस्याओं से भयभीत होकर जीवन और कर्मक्षेत्र से निराश हो गया है। अर्जुन की तरह ही हम सभी कभी-कभी अनिश्चय की स्थिति में या तो हताश हो जाते हैं और या फिर अपनी समस्याओं से उद्विग्न होकर कर्तव्य विमुख हो जाते हैं। भारत वर्ष के ऋषियों नें गहन विचार के पश्चात् जिस ज्ञान को आत्मसात् किया उसे उन्होंने वेदों का नाम दिया। इन्हीं वेदों का अंतिम भाग उपनिषद कहलाता है। मानव जीवन की विशेषता मानव को प्राप्त बौद्धिक शक्ति है और उपनिषदों में निहित ज्ञान मानव की बौद्धिकता की उच्चतम अवस्था तो है ही, अपितु बुद्धि की सीमाओं के परे मनुष्य क्या अनुभव कर सकता है यह हमारे उपनिषद् एक झलक दिखा देते हैं। उसी औपनिषदीय ज्ञान को महर्षि वेदव्यास ने सामान्य जनों के लिए गीता में संक्षिप्त रूप में प्रस्तुत किया है। वेदव्यास की महानता ही है, जो कि 11 उपनिषदों के ज्ञान को एक पुस्तक में बाँध सके और मानवता को एक आसान युक्ति से परमात्म ज्ञान का दर्शन करा सके।
यह लेख एक सबस्टब है । सबस्टब एक साधारण स्टब से भी छोटा होता है । इसे बढाकर आप विकिपीडिया की मदद कर सकतें हैं ।
Categories: सबस्टब | हिन्दू धर्म | धर्मग्रन्थ | दर्शन



